लखनऊ । मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में बुधवार को कहा कि जो 1947 में हुआ, वही आज पाकिस्तान और बांग्लादेश में हो रहा है। उस समय 10 लाख हिंदू-सिख काटे गए थे, आज भी वही आगजनी, तोड़फोड़, लूटपाट, बहन-बेटियों संग अत्याचार, त्रासदी का दृश्य देख रहे हैं। डेढ़ करोड़ हिंदू बांग्लादेश में आज अस्मिता बचाने को चिल्ला रहे हैं। दुनिया और भारत के कथित सेक्युलरिस्ट के मुंह आज भी सिले हैं, क्योंकि इन्हें वोट बैंक की चिंता है। इनकी मानवीय संवेदना मर चुकी है। इन्होंने आजादी के बाद बांटो और राज करो की राजनीति को प्रोत्साहित किया है। इन लोगों ने अंग्रेजों से सत्ता प्राप्त की, लेकिन यह भारत की सत्ता का नेतृत्व नहीं कर रहे थे, बल्कि ब्रिटिशर के मानस पुत्रों के रूप में इन्होंने सत्ता का संचालन किया। उसी का दुष्परिणाम अखंड हिंदुस्तान ने चुकाया है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि देश इतिहास के काले अध्यायों को स्मरण कर रहा है। इतिहास केवल अध्ययन का विषय नहीं होता है, बल्कि वह गलतियों के परिमार्जन और गौरवशाली क्षणों से प्रेरणा ग्रहण करने का संकल्प होता है। आखिर क्या कारण था कि हजारों हजार वर्षों से सनातन राष्ट्र रहा भारत गुलाम हुआ। विदेशी आक्रांताओं ने यहां की परंपरा-संस्कृति को रौंदा और देश को गुलाम बनाया गया। क्रांतिकारियों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने देश को स्वतंत्र कराने की दिशा में विदेशी हुकूमत को उखाड़ फेंकने के संकल्प के साथ आजादी की लड़ाई लड़ी थी। जब उसकी पूर्णता का समय आया तो इस सनातन राष्ट्र को विभाजन की त्रासदी का सामना करना पड़ा। 
मुख्यमंत्री योगी बुधवार को यहां आयोजित श्रद्धांजलि सभा को सम्बोधित कर रहे थे। इस मौके पर विभाजन विभीषिका पर आधारित लघु फिल्म के जरिए आमजन का दर्द दिखाया गया। अपने सम्बोधन में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जो किसी युग में नहीं हुआ, वह कांग्रेस की सत्ता के प्रति अभिलिप्सा ने विभाजन की त्रासदी के रूप में प्रस्तुत किया और स्वतंत्र भारत को ऐसा नासूर दे दिया, जिसका दंश आज भी भारत आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद के रूप में झेल रहा है। यदि तत्कालीन राजनीतिक नेतृत्व ने दृढ़ता का परिचय दिया होता तो दुनिया की कोई ताकत इस अप्राकृतिक विभाजन को मूर्त रूप नहीं दे पाती। येन-केन प्रकारेण सत्ता प्राप्त करने के लिए कांग्रेस ने देश को दांव पर लगा दिया गया। 1947 और इसके बाद से यह लगातार हो रहा है। जब भी इनके हाथ में सत्ता में आई, इन लोगों ने देश की कीमत पर राजनीति की। इसकी कीमत जनता को लंबे समय तक चुकानी पड़ी है। विभाजन की दुर्भाग्यपूर्ण त्रासदी हम सबको उन्हीं गलतियों की परिमार्जन की तरफ ध्यान आकृष्ट करती है।
सीएम योगी ने कहा कि जो गलतियां इतिहास के काले अध्याय के रूप में हमारे सामने कैद हैं, वही गलतियां चुनाव के समय राजनीतिक दल करते हैं। जो पहले जातिवाद के नाम पर होता था, वही कारनामे आज राजनीतिक दलों के स्तर पर किए जा रहे हैं। जातीयता का नग्न तांडव करके उसी विभाजन की ओर ले जाने की कुत्सित चेष्टा की जा रही है। परिणाम फिर वही है। चेहरे- तिथि बदली है, लेकिन घटनाओं का स्वरूप वही है। सीएम योगी ने कहा कि 1947 के पहले महर्षि अरविंद ने उद्घोषणा की थी कि आध्यात्मिक जगत में पाकिस्तान कोई वास्तविकता नहीं है। उसका भारत में विलय होगा या पाकिस्तान हमेशा के लिए समाप्त होगा। आध्यात्मिक जगत में जिसका वास्तविक अस्तित्व नहीं है, उसे नष्ट ही होना है। जाति, क्षेत्रीय, भाषाई विभाजन से उबरकर हमें राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ कार्य करना होगा। 
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जाति, क्षेत्र, भाषा के नाम पर विभाजन करने वाले उन ताकतों से सतर्क रहकर एक भारत, श्रेष्ठ भारत के बारे में सोचना होगा। विभाजन त्रासदी के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है। इस त्रासदी और समय-समय पर धोखे के लिए कांग्रेस जनता से माफी नहीं मांगेगी। कांग्रेस को जब भी अवसर मिला, लोकतंत्र का गला घोंटने का प्रयास किया। 1975 इसका उदाहरण है। नागरिकों ने जब भी अधिकारों की बात की तो कांग्रेस ने देश में भाषाई, क्षेत्रीय विवाद, हिंदुओं-सिखों को लड़ाने का पाप किया। इसके लिए कांग्रेस को कभी माफ नहीं किया जा सकता है। 
सीएम योगी ने कहा कि आज भी ननकाना साहब में गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व पर नगर कीर्तन की अनुमति नहीं मिलती है। सिंध तो हिंदू बाहुल्य था, सिंधी बाहुल्य राज्य है। उसे पाकिस्तान के अंदर क्यों जाने दिया गया। 1947 में बांग्लादेश में 22 फीसदी हिंदु थे, आज घटकर 7-8 फीसदी रह गए है। एक सप्ताह पहले बांग्लादेश के चटगांव में लाखों हिंदू जुटकर दुनिया के सामने गुहार लगा रहे थे। बांग्लादेश के अंदर रहकर भी नरपिशाचों के सामने अपनी परवाह किए बिना वर्तमान व भावी पीढ़ी को बचाने के लिए हिंदुओं ने दुनिया को वास्तविक चेहरा दिखाया है। बांग्लादेश में हिंदू अमानवीय अत्याचार के शिकार हो रहे हैं। हमें मजहबी उन्माद से देश-दुनिया को बचाने का आह्वान करना है। मजहबी उन्माद एकता के माध्यम से परास्त होगा। महर्षि अरविंद का अखंड भारत का सपना ही इसका समाधान होगा।