माशिमं की गाइड लाइन ने उड़ाई शिक्षकों की नींद
भोपाल। माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन 13 मार्च से शुरू होना है। मूल्यांकनकर्ताओं को भी मूल्यांकन में विशेष ध्यान देना होगा। एक नंबर की गलती हुई तो 100 रुपए का जुर्माना लगेगा। मूल्यांकनकर्ता पूरी गंभीरता के साथ मूल्यांकन करें इसके लिए मंडल पहली बार प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर चुका है। इस साल करीब 17 लाख विद्यार्थियों की करीब 90 लाख उत्तरपुस्तिकाओं को जांचने के लिए 40 हजार शिक्षकों को लगाया गया है। मूल्यांकन सुबह 10.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक चलेगा। इस दौरान कोई भी शिक्षक मोबाइल लेकर नहीं जाएंगे। मूल्यांकन स्थल पर मूल्यांकनकर्ता कोई बड़ा बैग लेकर नहीं आएंगे। दूसरे चरण का मूल्यांकन कार्य 21 मार्च से शुरू होगा।
गौरतलब है कि माशिमं की 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन प्रत्येक परीक्षक को गंभीरता से करने के निर्देश दिए गए हैं। मंडल ने तय किया है कि इस बार कापियों की जांच तीन चरण में की जाएगी। नंबर दर्ज करने में गलती होने पर मूल्यांकनकर्ताओं पर जुर्माने का भी प्रविधान किया है। अगर किसी मूल्यांकनकर्ता ने परीक्षार्थी का प्राप्तांक चढ़ाने में गलती की तो प्रत्येक ऐसी गलती पर उसे 100 रुपये का जुर्माना देना होगा। 10वीं और 12वीं की वार्षिक परीक्षा का मूल्यांकन 13 मार्च से शुरू हो रहा है। माशिम से तय नियमों के मुताबिक, मूल्यांकनकर्ताओं को अपना काम शुरू करने से पहले एक आदर्श उत्तर की कापी दी जाएगी। इसके आधार पर उन्हें मिली कापियों की जांच करनी है। एक मूल्यांकनकर्ता कापी की जांच के बाद प्रत्येक प्रश्न के उत्तर पर अंक देगा।
प्राप्तांक का जोड़ ठीक नहीं तो लगेगा जुर्माना
अंत में परीक्षार्थी को मिले सभी अंकों का जोड़ मुखपृष्ठ पर लिखा जाएगा। अंकों का जोड़ करते समय यदि किसी परीक्षार्थी को 90 या 99 अंक आ रहे हैं तो उसकी कापी दोबारा जांची जाएगी। सामान्य परिस्थितियों में भी मूल्यांकन के बाद दूसरा मूल्यांकनकर्ता नंबरों का मिलान करेगा। अगर प्रत्येक उत्तर को मिले अंक और मुखपृष्ठ पर लिखे प्राप्तांक का जोड़ ठीक नहीं होगा तो मूल मूल्यांकनकर्ता पर जुर्माना लगेगा। तीसरी जांच रैंडम होगी यानी जांची जा चुकी कापियों के बंडल से कुछ कापियां निकालकर कभी भी जांची जाएंगी। अगर इसमें गलती मिली तो भी जुर्माना लगेगा। बताया जा रहा है कि ऐसा हर साल पुनर्मूल्यांकन के आवेदनों की वजह से कापियों की दोबारा जांच करानी पड़ती है। कई बार होता है जब परीक्षार्थी का दावा सही होता है और उसके अंक बढ़ जाते हैं। इसकी वजह से कई बार न्यायालय में मंडल की स्थिति लज्जाजनक हो जाती है। माशिम ने दिशा-निर्देश दिए हैं कि ऐसे प्रश्न जिसमें अ अथवा ब में से किसी एक का उत्तर देना है, उसकी जांच करते समय अतिरिक्त सतर्कता बरती जाए। परीक्षार्थी ने यदि दोनों प्रश्नों के जवाब लिख दिए हैं तो मूल्यांकनकर्ता को सबसे बेहतर उत्तर पर अंक देना है। यही अंक उसके प्राप्तांक में जुड़ेगा।
भत्ते के लिए 30 कॉपियों का मूल्यांकन जरूरी
बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन करने वाले स्थानीय मूल्यांकन कर्ताओं को 150 रुपए और 30 किमी दूर से आने वाले को 180 रुपए प्रतिदिन अतिरिक्त भत्ता दिया जाता है। मूल्यांकन कर्ताओं को ये भत्ता लेने के लिए न्यूनतम 30 उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करना जरूरी है। इस बार 10वीं कक्षा की एक कापी जांचने पर 13 रुपये और 12वीं की कापी पर 15 रुपये मिलेंगे। एक शिक्षक को एक दिन में कम से कम 30 और ज्यादा से ज्यादा 45 उत्तरपुस्तिकाएं जांचनी होंगी।