श्रीनगर। जम्मू कश्मीर होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले चरण की 24 सीटों के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी हो गई है। पहले चरण की सीटों पर नामांकन की अंतिम तारीख 27 अगस्त थी। नामांकन के अंतिम दिन पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने भी नामांकन दाखिल किया। इल्तिजा दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग की बिजबेहरा सीट से चुनाव मैदान में उतरी हैं। जम्मू कश्मीर में विधानसभा की 90 सीटें हैं। 
जम्मू कश्मीर में अब्दुल्ला परिवार और मुफ्ती परिवार। लंबे समय से यहां की सियासत इन दो परिवारों के इर्द-गिर्द ही घूमती है, खासकर 21वीं सदी में। मुफ्ती परिवार के लिए बिजबेहरा सीट लॉन्चिंग पैड की तरह है। जम्मू कश्मीर के चुनाव में इल्तिजा के तौर पर मुफ्ती परिवार की तीसरी पीढ़ी चुनाव में उतरने जा रही है। परिवार की शुरुआती दो पीढ़ियों की चुनावी लॉन्चिंग भी इसी सीट से हुई थी और अब इस कड़ी में इल्तिजा का नाम भी जुड़ गया है।
पीडीपी के संस्थापक मुफ्ती मोहम्मद सईद ने भी बिजबेहरा सीट से ही चुनावी राजनीति में एंट्री की थी। डेमोक्रेटिक नेशनल कॉन्फ्रेंस से सियासी सफर का आगाज करने वाले मुफ्ती मोहम्मद सईद 1962 में बिजबेहरा विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरे थे और जीतकर जम्मू कश्मीर विधानसभा पहुंचे थे। सईद 1967 में भी इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए थे। पूर्व सीएम और पीडीपी की कमान संभाल रहीं महबूबा मुफ्ती की चुनावी लॉन्चिंग भी बिजबेहरा सीट से हुई। महबूबा ने पहली बार विधानसभा चुनाव 1996 में बिजबेहरा सीट से ही लड़ा था।
बिजबेहरा सीट उन सीटों में से है जहां मुफ्ती परिवार का सिक्का चलता है। मुफ्ती मोहम्मद सईद से लेकर महबूबा मुफ्ती तक इस सीट से अलग-अलग दलों के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। बिजबेहरा पर मुफ्ती परिवार का साथ जीत की गारंटी माना जाता है। सईद ने साल 1999 में पीडीपी की स्थापना की थी और तब से ही यह सीट पर उनकी पार्टी का कब्जा है। नेशनल कॉन्फ्रेंस हो, कांग्रेस हो या कोई और पार्टी, पीडीपी के इस अभेद्य किले को कोई नहीं भेद पाया है। बिजबेहरा सीट से मोहम्मद अब्दुल रहमान वारी चार बार के विधायक थे। वारी को लेकर क्षेत्र में एंटी इनकम्बेंसी भी थी। 2014 के चुनाव में अब्दुल वारी जीत तो गए थे लेकिन अंतर तीन हजार से भी कम रहा था। 2014 के जम्मू कश्मीर चुनाव में पीडीपी उम्मीदवार वारी 2868 वोट से जीते थे। 2008 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से वारी की जीत का अंतर 23 हजार 320 वोट का था। 
जम्मू कश्मीर विधानसभा के चुनाव तीन चरणों में होना हैं। पहले चरण में केंद्र शासित प्रदेश की 24 सीटों पर 18 सितंबर को मतदान होगा। बिजबेहरा सीट पर भी पहले चरण में ही मतदान होना है। जम्मू कश्मीर चुनाव के दूसरे चरण में 26 और तीसरे चरण में 40 सीटों पर एक अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। नतीजे चार अक्टूबर को आएंगे। बता दे जम्मू कश्मीर राज्य पुनर्गठन और विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद ये पहला चुनाव हैं। जम्मू कश्मीर में इससे पहले 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे।