पटना। बिहार सरकार की एक प्रोग्राम ने वर्षों से भिक्षा मांगने वाले लोगों को नया दिशा देने में कामयाबी हासिल की है। मुख्यमंत्री भिक्षावृत्ति निवारण योजना के तहत बिहार के 9,226 भिखारियों को सामाजिक सुरक्षा और आत्मनिर्भरता के लिए महत्वपूर्ण सुविधाएं प्रदान की गई हैं। इस योजना के तहत सरकार ने 1,873 भिक्षुओं को रोजगार भी दिया है, जिससे उन्हें स्वतंत्रता से जीविका प्राप्त करने का मोका मिला है। इन भिक्षकों की जीवन कथाएं एक नयी उर्फ लेकर आई हैं, जो अब आर्थिक रूप से स्वायत्त और समृद्ध बन चुके हैं। एक ऐसा उदाहरण है सोनू कुमार का, जो पहले भिक्षावृत्ति के तहत जीविका बिताते थे, लेकिन आज वे अपने मेहनत से खुद को स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बनाने की कहानी बना रहे हैं। इसी तरह, रीता देवी की कहानी दिखाती है कि कैसे एक महिला भिक्षु ने अपना भिक्षावृत्ति छोड़कर चाय की दुकान खोलकर समृद्धि की उपासना की। आज वे दूसरे भिक्षुओं को भी उनके प्रेरणास्त्रोत बनकर साथ चल रही हैं। भिक्षावृत्ति निवारण योजना ने मात्र भिक्षावृत्ति को खत्म करने के साथ-साथ समाज में गरिमा और आत्मनिर्भरता के माध्यम से भिक्षुओं को एक नया दिशा दी है। इससे सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान होने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है।